भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाले बिहार का पहला एक्सप्रेस-वे आमस-दरभंगा का निर्माण कार्य अटक गया हैं। दरअसल पूरे मामले पर प्रकाश डालते चले कि आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे निर्माण कार्य को फतुहा और धनरूआ के किसानों ने मुआवजा नहीं मिलने कुछ बात कहते हुए निर्माण कार्य को बंद करा दिया हैं। किसानों ने आरोप लगाया है कि उन्हें अब तक जमीन का मुआवजा दिया दिया गया हैं।

बताते चलें कि पटना के फतुहा और धनरूआ दोनों प्रखंडों के 12 मौजा की 205.26 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना था। जिला प्रशासन ने एनएचएआई को जमीन मुआवजा चुकाकर जमीन का पजेशन दे दिया। इसके बाद एनएचएआई द्वारा चयनित एजेंसी ने एक्सप्रेस-वे के निर्माण का काम शुरू किया। जहां काम शुरू होने के बाद फतुहा और धनरूआ के किसानों ने मुआवजा नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए काम को रोक दिया हैं।

वर्तमान में औरंगाबाद से दरभंगा जाने के लिए लोगों को गांधी सेतु से होकर गुजरना पड़ता हैं। मालूम हो कि इस रूट से लंबी दूरी के साथ ही लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता हैं। लेकिन आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे बनने से गंगा नदी पर बनने वाली कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल से गुजरेगा। जिससे लोग औरंगाबाद से दरभंगा के बीच कम समय में बिना जाम की झंझट में फंसे यात्रा कर सकेंगे।
