ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में बिहार का पहला और इकलौता एडवांस रिसर्च सेंटर स्थापित किया गया हैं। बताते चलें कि एडवांस रिसर्च सेंटर स्थापित होने से छात्रों को शोध और रिसर्च के क्षेत्र में काम करने के लिए बेहतर प्लेटफार्म उपलब्ध होगा। इसमें आंखों से दिव्यांग छात्रों के लिए सेंटर में विशेष व्यवस्था की गई हैं। इसके साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई के लिए यहां लेक्चरर स्टूडियो को बनाया गया हैं।

बताते चलें कि एडवांस रिसर्च सेंटर में प्रोफेसरों के द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो और ऑडियो को दुनिया भर के छात्र ऑनलाइन देख और सुन सकेंगे। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह ने इसे लेकर बताया कि दरभंगा महाराज के नक्शे कदम और सोच के अनुरूप इस लाइब्रेरी का स्थापना किया गया हैं। दरभंगा महाराज ने एक ही कैंपस में दो-दो विश्वविद्यालय स्थापित किया। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की दिशा में काम को महत्व दिया। जिसके फलस्वरूप आज इन तीन क्षेत्रों में किए गए कार्यों से लोक कल्याणकारी फायदे ले रहे हैं। वहीं अब दरभंगा महाराज की इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय ने एडवांस रिसर्च सेंटर स्थापित किया हैं।

वहीं एडवांस रिसर्च सेंटर की बात करें तो बिहार में कहीं भी नहीं हैं। देश भर में गिने-चुने स्थानों पर ही यह सुविधा मौजूद हैं। एलएनएमयू ने सोशल साइंस की रिसर्च के लिए एसपीएसएस की एक लैब बनाई गई हैं। जिसका लाभ शोध करने वाले तथा सोशल साइंस में रिसर्च करने वाले लोगों को मिलेगा। इसके साथ ही रिमोट सेंसिंग लैब की भी व्यवस्था की गई हैं।

कोरोना काल में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने अपने मोबाइल से लेक्चर को रिकॉर्ड किया। उस समय कोई सेंट्रलाइज लैब नहीं थी या फिर इसके समरूप कोई व्यवस्था नहीं थी। इसको देखते हुए सेंट्रलाइज लैब बनाया गया, जो रिकॉर्डिंग सेंटर के रूप में कार्य करेगा। वहां शिक्षक वीडियो और ऑडियो शुट कर सकते हैं। जिसे वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। जिसे मिथिला विश्वविद्यालय के साथ दूसरे विश्वविद्यालय के छात्र भी पढ़ सकेंगे। आंखों से दिव्यांग छात्रों के लिए सुंदर लैब बनाया गया हैं, इसमें दिव्यांग छात्र किताबें पढ़ने के साथ-साथ टाइप भी कर सकते हैं।
