बिहार बोर्ड से मैट्रिक-इंटर कर चुके या पढ़ाई करने वाले को अधिक जेब ढ़ीली करनी पड़ेगी। बताते चलें कि बिहार बोर्ड से पढ़ रहे या पढ़ चुके छात्रों के लिए ये विशेष खबर हैं। बिहार विधालय परीक्षा समिति ने बोर्ड से दूसरी बार अंकपत्र या सर्टिफिकेट निकालने पर प्रोसेसिंग फी (प्रक्रिया शुल्क) लेने का फैसला किया हैं।

दरअसल बिहार बोर्ड ने यह नियम तब लागू किया हैं, जब हाल-फिलहाल में नौकरी पाने में सफलता मिलने के बाद उम्मीदवार बोर्ड में सालों पुराने सर्टिफिकेट निकालने के लिए पहुंच रहे हैं। बोर्ड ने सर्टिफिकेट निकालने के लिए फीस बढ़ाने के नियम को लागू कर दिया हैं।

बिहार बोर्ड के नियम लागू होने के बाद अब 15 वर्ष या 15 वर्षों के बाद के सर्टिफिकेट निकालने के लिए 2500 रूपए देने होंगे। वहीं सन् 1980 के पहले वाले विधार्थी अगर अपना सर्टिफिकेट निकालते हैं तो इसके लिए प्रोसेस शुल्क भरना पड़ेगा। मालूम हो कि पहले बिहार बोर्ड द्वारा प्रोसेस शुल्क नहीं ली जाती थी। 16 सितंबर को बोर्ड के सचिव ने नये नियम के तहत प्रोसेसिंग फी को लागू कर दिया हैं।

BSEB ने मैट्रिक और इंटर के सर्टिफिकेट निकालने के लिए फी भी तय कर दी है। देखिए नये शुल्क के मुताबिक 15 वर्ष साल या उससे ज्यादा पुराने सर्टिफिकेट/मार्कशीट के लिए- 2500 रुपये प्रोसेसिंग फीस,
10 साल पुराने सर्टिफिकेट/मार्कशीट निकालने पर- 1,000 रुपये प्रोसेसिंग फीस,
5 साल पुराने सर्टिफिकेट/मार्कशीट निकालने पर- 500 रुपये प्रोसेसिंग फीस,
परीक्षा वाले साल में दूसरी बार सर्टिफिकेट/मार्कशीट लेने पर- 200 रुपये प्रोसेसिंग फीस,
तत्काल के लिए 500 रुपया प्रोसेसिंग फीस,
सर्टिफिकेट के लिए- 175 रुपये,
मार्कशीट के लिए- 125 रुपये,
एडमिट कार्ड के लिए- 100 रुपये चार्ज लगेंगे।