बिहार भीषण गर्मी की चपेट में हैं। तेज और उमस भरी गर्मी ऊपर से सूर्य महाराज की तपती धूप में लोगों की हालत खराब हो गई हैं। ऐसे में आप कैसे बचें, इसके लक्षणों और इससे बचने के उपाय इस तरह हैं।

शरीर अपना तापमान नियंत्रित नहीं कर पाता है और टेंप्रेचर लगातार बढ़ता है, शरीर का ताप बढ़ने के बाद भी पसीना बिल्कुल नहीं आ रहा होता है, लगातार जी-मिचलाता है और उल्टी भी हो सकती हैं। त्वचा पर लाल निशान, रैशेज या चकते दिख सकते हैं, दिल की धड़कने तेज रहती हैं, सिर में दर्द बना रहता है, बुखार बढ़ता चला जाता है, त्वचा रूखी, लेकिन बहुत नर्म महसूस होती हैं तो ये सब लू के लक्षण हैं।
बचाव के उपाय

तापमान घटाने के लिये ठंडे पानी की पट्टियाँ रखें। प्रभावित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाकर चिकित्सकीय परामर्श लें। उसे पेय पदार्थ कच्चे आम का पना आदि पिलायें। व्यक्ति को छायादार जगह पर लिटायें, व्यक्ति के कपड़े ढ़ीले करें।
तेज गर्मी नहीं करें ये काम

धूप में खाली पेट न निकलें, पानी हमेशा साथ में रखें। शरीर में पानी की कमी न होने दें। धूप में निकलने के पूर्व तरल पदार्थ का सेवन करें। मिर्च मसाले युक्त एवं बासी भोजन न करें। बुखार आने पर ठंडे पानी की पट्टियां रखें।कूलर या एयर कंडीशन से धूप में एकदम न निकले। धूप में निकलने से परहेज करें।