मृत्युशैया पर लेटी मां की आखिरी इच्छा को पूरी करते हुए बेटी ने ICU में की शादी, आशीर्वाद देने के बाद चल बसी मां।

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कहते हैं कि मरते वक्त लोगों की आखिरी इच्छा को जरूर पूरा करना चाहिए। और कुछ ऐसा ही बिहार में बेटी ने मां की अंतिम ख्वाहिश को अस्पताल के आईसीयू में शादी कर पूरा किया हैं। दरअसल पूरे खबर पर विस्तार से प्रकाश डालते चले कि गया शहर के एपी कालोनी स्थित अर्श सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में शनिवार को अनोखा विवाह हुआ।

अक्सर हमने फिल्मों और टीवी सीरियल में देखा होगा कि इंसान के अंतिम समय में उनकी इच्छाओं को जरूर पूरा किया जाता हैं। और जहां तक मुझे पता हैं मेरे जानकारी में ऐसा अभी तक वास्तव में शायद ही ये सब देखने और सुनने को मिला हैं। लेकिन गया जिले में आईसीयू में भर्ती मां की आखिरी इच्छा को पूरा करने के लिए बेटी की शादी कराई गई।

बताते चलें कि इस अनोखी शादी के वक्त ना सिर्फ वर-वधू के परिवार बल्कि अस्पताल का स्टाफ भी शामिल हुए। आम फिल्मी कहानियों की तरह इस कथा का दुखदाई अंत हुआ। मृत्युशैया पर लेटी मां ने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया और इसके दो घंटे बाद ही सभी की आंखें नम हो गई जब मां ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

गया जिले के गुरारू प्रखंड के बाली गांव के रहने वाले ललन कुमार की पत्नी पूनम कुमारी वर्मा कई दिनों से बीमार चल रही थी। तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो उनको अर्श हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर के मुताबिक तबीयत काफी गंभीर और किसी भी समय जान जा सकती थी। ऐसी हालत में बीमार पूनम कुमारी वर्मा ने अपनी अंतिम इच्छा परिजनों के सामने व्यक्त कि, बेटी चांदनी की शादी उनके जीवित रहते हुए कर दी जाए।

वहीं बता दें कि पूनम कुमारी वर्मा की बेटी चांदनी की सगाई की तारीख 26 दिसंबर को तय थी। गरूआ प्रखंड के सलेमपुर गांव निवासी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त विधुत कुमार अंबेडकर एवं नीलम कुमारी के इंजीनियर पुत्र सुमित गौरव के साथ चांदनी की सगाई 26 दिसंबर को तय थी। लेकिन लड़की की मां की खराब हालत और आखिरी इच्छा को पूरा करते हुए सगाई से एक दिन पहले ही दोनों की शादी कर दी गई। और संयोग देखिए कि मां ने अपने बेटी-दामाद को आशीर्वाद देने के दो घंटे बाद ही चल बसी।

अपनी शादी के महज दो घंटे बाद ही मां को खो देने का ग़म बेटी के चेहरे पर नजर आ रहा था। बेटी के मुताबिक मां पूनम कुमारी वर्मा मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एएनएम के पद पर कार्यरत थी‌। कोरोना काल से ही लगातार बीमार थी, वहीं हृदय रोग से भी पीड़ित थी। मां के पास जिंदगी के पल काफी कम थे, और उनकी इच्छा की मान रखते हुए बेटी ने अस्पताल के आईसीयू में शादी की। सबसे बड़ी बात तो यह रही कि यह शादी बिना किसी दान-दहेज के संपन्न हुई।

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