चैत्र नवरात्रि का आगाज आज से शुरू हो गया हैं। वातावरण में मां दुर्गा की पूजा-उपासना और मंत्रों की गूंज सुनाई देने लगी हैं। बता दें कि इस बार मां दुर्गा का आगमन नौका पर हो रहा हैं। शास्त्रों में मां के इस रूप को भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला माना जाता हैं। वहीं चैत्र नवरात्र के पहले दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं।

यूं तो नवरात्र का प्रत्येक दिन देवी मां के विशेष रूप को समर्पित होता हैं, और मां दुर्गा के हर स्वरूप की उपासना करने से अलग-अलग प्रकार के मनोरथ पूर्ण होते हैं। वहीं नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते हुए मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की उपासना की जाती हैं। बता दें कि नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा की आराधना और फल पाने का सबसे बढ़िया दिन होता हैं। चैत्र नवरात्रि के आगमन के साथ ही हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2080 भी शुरू हो गया हैं।

पुराणों के अनुसार देवी ही ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश के रूप में सृष्टि का सृजन, पालन और संहार करती हैं। भगवान भोलेनाथ के कहने पर रक्तबीज शुंभ-निशुंभ, मधु-कैटभ, आदि राक्षसों का संहार करने के लिए मां पार्वती ने असंख्य रूप धारण किए परंतु देवी के प्रमुख नौं रूपों की पूजा-अर्चना की जाती हैं।

नवरात्रि की शुरुआत चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती हैं, जो आज से 30 मार्च तक हैं। चैत्र नवरात्र के आगाज के साथ ही मंदिर सज गए हैं। मां की भक्तिमय गूंज सुनाई देने लगी हैं। लोग बड़े ही पवित्रता और श्रद्धा के साथ मां दुर्गा की पूजा-उपासना और आराधना में जुट गए हैं।