दरभंगा महाराज के कमरे में ऐतिहासिक धरोहरों से छेड़छाड़ का मामला तूल पकड़ रहा हैं। पूरी जानकारी विस्तार से बताते चलें कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय परिसर के नरगौना पैलेस स्थित दरभंगा महाराज के कामेश्वर सिंह संग्रहालय में रखें सामानों के साथ छात्र-छात्राओं ने छेड़छाड़ किया हैं। विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के स्नाकोत्तर के छात्र-छात्राओं ने महाराज के सामानों को हाथ लगाकर हंसी-मजाक करते नजर आए, वहीं पहनकर सेल्फी भी लिया।

छात्र-छात्राओं द्वारा सेल्फी, ग्रुप फोटो तथा संग्रहालय में हंसी-ठिठोली करने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट होने के बाद लोग इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नाराजगी जता रहे हैं। दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह के पौत्र कुमार राजेश्वर सिंह एवं कपिलेश्वर सिंह को जब इस बात की जानकारी को हुई, तो उन्होंने अपने वकील के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन को नोटिस भेजा हैं। नोटिस में ऐतिहासिक धरोहरों के साथ छेड़छाड़ किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई हैं।

बताते चलें कि संग्रहालय में महाराज कामेश्वर सिंह के निजी प्रयोग में आने वाले वस्तुओं को धरोहर के रूप में विश्वविद्यालय को संग्रहालय के रूप में दिया गया हैं। वहीं संग्रहालय में महाराज के निजी सामान को हाथ लगाना नियम के खिलाफ हैं। लेकिन विश्वविद्यालय में इस तरह नियम की धज्जियां उड़ाना निंदनीय हैं। सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं, उसमें साफ देखा जा सकता हैं कि लड़के-लड़कियां सामानों को लेकर हंसी-मजाक करती नजर आ रही हैं। यह भी एक चर्चा का विषय बन गया हैं।

इस मामले को लेकर राज परिवार के एस्टेट ऑफिसर ने कड़ा ऐतराज जताया हैं। उनके मुताबिक संग्रहालय में रखें सभी सामान एंटीक हैं, जिनकी कीमत की कल्पना तक नहीं की जा सकती हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन को दोषी करार देते हुए कहा कि दरभंगा राज परिवार की संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा करता हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ऐतिहासिक धरोहरों की अनदेखी, महाराज के बहुमूल्य सामानों की चोरी की आशंकाएं बढ़ गई हैं।

इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन से अतिशीघ्र संज्ञान लेते हुए दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग की हैं। और कार्रवाई ना करने की स्थिति में राज परिवार विवश हो कर कानूनी कार्रवाई करेंगे। छात्र-छात्राओं की संग्रहालय में मौजूदगी को लेकर मिथिला विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष का कहना हैं कि साफ-सफाई को लेकर खोला गया था। वहीं संग्रहालय को बच्चे देखने की बात कर रहे थे, इसी क्रम में वो लोग मौजूद थे। इसी बीच किसी बच्चे ने तस्वीर ले ली जिसकी जानकारी मुझे नहीं थी।
