दरभंगा में एम्स निर्माण को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही हैं। बताते चलें कि दरभंगा में डीएमसीएच परिसर में बनने वाला एम्स को अशोक पेपर मिल की जमीन पर शिफ्ट कर दिया गया हैं। दरभंगा में लंबे समय से प्रस्तावित एम्स का निर्माण कार्य लटका हुआ हैं। मालूम हो कि 2015-16 के बजट में ही एम्स को बनाने की घोषणा की गई थी। लेकिन इतने साल बीत जाने के बाद जमीनी पेंच में एम्स का निर्माण फंसा हुआ हैं।

हालांकि अब जो खबर सामने आ रही हैं, वो ये हैं कि दरभंगा में बनने वाला एम्स अब डीएमसीएच परिसर में नहीं बल्कि अशोक पेपर मिल के जमीन पर बनेगा। इसको लेकर मिल रही जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने अपना निर्णय सुना दिया हैं। पिछले दिनों एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ माधवानंद कार ने विभागीय निर्देश पर शोभन के समीप करीब 200 एकड़ जमीन का निरीक्षण किया था, और शोभन की जमीन की वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट केंद्र को भेजा गया था।

बताते चलें कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल परिसर में एम्स बनाने की सिफारिश को केंद्र सरकार ने अस्वीकृत कर दिया था। केंद्र ने डीएमसीएच परिसर को एम्स के तौर पर विकसित करने को मुश्किल और पेचीदा बताकर यह कहा कि एम्स के लिए दरभंगा में ही कोई और जगह या किसी अन्य शहर में कोई जगह बताएं। केंद्र के इस फैसले की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लिखित रूप में दी।

जहां फिर राज्य सरकार के आग्रह पर डीएमसीएच में एक टेक्निकल टीम भेजी गई, जिसमें इन टीम के मुताबिक डीएमसीएच में एम्स नहीं बनाया जा सकता। टेक्निकल टीम की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई कि डीएमसीएच निचले हिस्से में बना हैं यहां पर बाढ़ और बरसात के समय काफी परेशानी होगी। वहीं डीएमसीएच चार ब्लॉक में बंटा हैं, साथ ही डीएमसीएच परिसर के बीच से पब्लिक रोड गुजर रही हैं।

टेक्निकल टीम द्वारा दी गई रिपोर्ट में एम्स निर्माण में आने वाली समस्याओं को गिनाया गया, जिसके बारे में बताते चलें कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज का एक हिस्सा रेलवे लाइन की दूसरी ओर हैं। और ऐसे में पब्लिक रोड को डायवर्ट करना और रेलवे लाइन की दूसरी ओर की जमीन को ओवरब्रिज से जोड़ना होगा। लेकिन यह पूरा इलाका हेरिटेज हैं और ऐसे में यहां की बिल्डिंग को तोड़ना काफी मुश्किल होगा। इन्हें तोड़कर नये सिरे से बनाना आसान काम नहीं हैं। इसके साथ ही उस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अस्पताल, हॉस्टल, बैंक, पोस्ट ऑफिस, पुलिस पोस्ट, डॉक्टर्स और स्टाफ को शिफ्ट करना काफी पेचीदा होगा। इन समस्याओं को दूर करने में काफी वक्त लगेगा।