दरभंगा की हवा दिल्ली और पटना से भी अधिक खतरनाक, बिगड़ सकती हैं हालत।

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देश की राजधानी दिल्ली में खराब हवा की खबरें सामने आती रही हैं। इसके बाद बिहार की राजधानी पटना की, लेकिन जब मिथिला का केंद्र बिंदु कहें जाने वाले दरभंगा का नाम इसमें शामिल हो तो क्या कहेंगे आप? जी हां ये कोई कहानी या कहने की बात नहीं बल्कि हकीकत हैं। ठंड में इजाफा होते ही दरभंगा शहर की हवा लगातार प्रदूषित हो रही हैं। आलम यह हैं कि नवंबर माह में हवा में प्रदूषण का स्तर सबसे खराब स्थिति में पहुंच गया हैं।

दरभंगा की स्थिति खराब

बताते चलें कि दरभंगा शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई-404 पर पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी वायु गुणवत्ता मानक के मुताबिक शनिवार को वायु गुणवत्ता बहुत ख़तरनाक रही। रिपोर्ट में इसे लाल रंग से भी ज्यादा खतरनाक और गंभीर दिखाया गया हैं। सबसे बड़ी बात तो यह हैं कि शुक्रवार को दरभंगा का वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई-404 रहा। वहीं दिल्ली में 303 और पटना का 306 रिकॉर्ड किया गया। इस तरह दरभंगा में वायु प्रदूषण काफी खराब स्थिति में हैं जो कि दरभंगा के लिए बेहद चिंताजनक हैं।

खराब हवा इन बीमारियों को बढ़ा सकती हैं-

वायु गुणवत्ता सूचकांक में दरभंगा शहर की हालत दिल्ली और पटना से भी ज्यादा खराब हैं। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर काफी असर पड़ सकता हैं। इससे लोग बीमार होंगे और बीमार लोगों की हालत बिगड़ सकती हैं। मालूम हो कि शहर में हवा प्रदूषण बढ़ने का कारण प्रदूषण मानकों की अवहेलना करना हैं। बढ़ते निर्माण कार्य और तेजी से पुराने-अनफिट वाहनों की बढ़ती संख्या प्रमुख वजह हैं। वहीं शहर में सफाई व्यवस्था की लचर स्थिति किसी से छुपी नहीं हैं। कचरा और कबाड़ का सामान जलाने पर उससे निकला धूंआ वायु गुणवत्ता खराब कर रहा हैं। इस धूंए से फेफड़ा में संक्रमण, हर्ट और आंख संबंधी कई बीमारियों का कारण प्रदूषण बन सकती हैं।

एक्यूआई का कितना ख़तरनाक स्तर

01 से 50- बेहतर,
51 से 100- संतोषजनक,
101 से 200- संतुलित,
201 से 300- खराब,
301 से 400- बहुत खराब,
401 से 500- गंभीर।
अब समझ लीजिए कि दरभंगा का वायु गुणवत्ता सूचकांक 404 हैं जो कि बहुत ही गंभीर माना गया हैं।

वायु गुणवत्ता सूचकांक

वायु गुणवत्ता सूचकांक ( Air quality index ) एक नंबर होता हैं। इसके जरिए वैज्ञानिक विधि से हवा की गुणवत्ता का पता लगाया जाता हैं। वहीं इसके द्वारा भविष्य में होने वाले प्रदूषण के स्तर का पता लगाया जाता हैं। एक्यूआई संबंधित इलाके में मिलने वाले प्रदूषण के कारकों के आधार पर भिन्न-भिन्न होता हैं। नेशनल लेवल पर Ministry of Invironment forest & climate change ने यह व्यवस्था लागू की हैं। इसके लिए विशेष प्रयोगशाला लॉन्च की गई हैं। इसे एक संख्या, एक रंग और एक विवरण के आधार पर लांच किया गया हैं। प्रदूषण की गंभीरता को समझाने के लिए रंगों को भी शामिल किया गया हैं।

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