दरभंगा एयरपोर्ट एक तरफ जहां उड़ान योजना के तहत देशभर में खोले गए एयरपोर्ट में नंबर वन पर काबिज हैं, वहीं दूसरी ओर एयरपोर्ट पर यात्रियों के बैठने के लिए प्लास्टिक की कुर्सी लगी हैं। दरभंगा एयरपोर्ट यात्रियों की अधिक संख्या को लेकर जहां सुर्खियां बटोर रहा हैं, वहीं यात्रियों के लिए प्लास्टिक की कुर्सी को लेकर अपनी फजीहत करा रहा हैं। यात्री सुविधाओं का घोर अभाव हैं दरभंगा एयरपोर्ट पर, परंतु इसे लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया हैं। यूं तो दरभंगा एयरपोर्ट उत्तर बिहार का इकलौता एयरपोर्ट हैं, जो कि बिहार का सबसे बड़ा ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जा सकता हैं। लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि दरभंगा एयरपोर्ट से हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को अब तक सुविधा नसीब नहीं हो रही हैं।

दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाओं की कमी शुरुआत से ही बनी हुई हैं। इसे लेकर लोगों में रोष भी हैं। उड़ान योजना के तहत देशभर में खोले गए हवाई अड्डों में नंबर वन पर काबिज दरभंगा एयरपोर्ट पर बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव हैं। इस ओर भी ध्यान देना अति आवश्यक हैं। गर्मी हो या फिर ठंड का मौसम, यात्री फ्लाइट पकड़ने के लिए दरभंगा एयरपोर्ट पहुंचते हैं। जहां उन्हें सुविधाओं के अभाव में कई तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ता हैं।

मालूम हो कि दरभंगा एयरपोर्ट से हवाई सेवा की शुरुआत 08 नवंबर 2020 को की गई थी। जिसके बाद से हवाई उड़ान को लेकर यात्रियों की रिकॉर्ड भीड़ बढ़ती गई। वर्तमान में शुरूआती दौर से दो-तीन गुना अधिक लोग दरभंगा एयरपोर्ट से हवाई यात्रा कर रहे हैं। बता दें कि 2020-21 में दरभंगा एयरपोर्ट से एक लाख 53 हजार 232 यात्रियों ने हवाई सफर किया। वहीं वर्ष 2022-23 में अब तक 06 लाख 16 हजार 58 यात्री आवागमन कर चुके हैं। इस साल 31 मार्च तक दरभंगा एयरपोर्ट पर 06 लाख 81 हजार 945 यात्री विभिन्न उड़ानों से पहुंच चुके हैं। और 07 लाख 06 हजार 931 यात्रियों ने 31 मार्च से यहां से उड़ान भरी।

यात्रियों की अधिक संख्या के बावजूद फ्लाइटों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही हैं। एयरपोर्ट को विकसित और समृद्ध करने की जरूरत हैं, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी।