पटना और गया एयरपोर्ट पर विमानों की सुरक्षित लैंडिंग के लिए हाइटेक स्टॉल का काम तो फिर दरभंगा एयरपोर्ट पर क्यूं नहीं?

Bihar Darbhanga Desh Rajaniti Uncategorized

दरभंगा एयरपोर्ट की उपेक्षा की जा रही हैं इसका अंदाजा आप सहज ही लगा सकते हैं कि पटना और गया एयरपोर्ट पर विमानों की सुरक्षित लैंडिंग के लिए हाइटेक स्टॉल का काम शुरू किया गया हैं। वहीं इसमें दरभंगा का नामों-निशान शामिल नहीं हैं। उत्तर बिहार का इकलौता एयरपोर्ट एवं अधिक यात्रियों के हवाई सफर मामले में सफल दरभंगा एयरपोर्ट सुविधाविहीन हैं। समय-समय पर इसे लेकर आवाज उठाई जाती रही हैं लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला हैं।

अब सवाल ये उठता हैं कि दरभंगा एयरपोर्ट पर सर्वाधिक यात्रियों के बावजूद इन सब बातों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं। वहीं पटना और गया एयरपोर्ट को विशेष तवज्जो दी जा रही हैं। दरभंगा एयरपोर्ट पर वर्तमान में लाइटिंग लगाने का काम आधा-अधूरा ही हैं, जिसे अब तक पूरा नहीं किया जा सका हैं। वहीं नाईट लैंडिंग का सपना तो फिलहाल दूर की बात हैं, अब ठंड के मौसम में कोहरे-कुहासे को ही लें ले। दिन में भी कुहासे से विमान परिचालन प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई हैं।

पटना और गया एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंडिंग कराने के लिए हाइटेक और उच्च क्षमता वाले तकनीकी उपकरण स्टॉल का काम शुरू किया गया हैं। बता दें कि इसकी मदद से पायलट को हवाई पट्टी पर सतह से 10 मीटर यानी 30 फुट की ऊंचाई तक हवा की गति और दिशा का पता चल सकेगा। इससे पायलट रनवे पर विमान को उतारने के दौरान ना केवल वह सटीक ब्रेक लगा सकेगा, बल्कि सही दिशा में विमान को उतार सकेगा। हाइटेक स्टॉल से टेक ऑफ में मदद मिलेगी।

दरभंगा एयरपोर्ट पर विमानों की सुरक्षित लैंडिंग के लिए हाइटेक और उच्च क्षमता वाले तकनीकी उपकरण स्टॉल की भी जरूरत हैं। लेकिन पटना और गया एयरपोर्ट को तरजीह देने के साथ-साथ इसे दरभंगा एयरपोर्ट पर भी लगाया जाना चाहिए था। परन्तु दरभंगा की उपेक्षा की गई हैं। दरभंगा एयरपोर्ट का रनवे बिहार और झारखंड में सबसे बड़ा रनवे वाला एयरपोर्ट हैं, जिसे भविष्य में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार की संभावना हैं। दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्री सुविधाओं का घोर अभाव हैं इसके बावजूद लोग हवाई यात्रा के लिए रूख करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.