दरभंगा एयरपोर्ट पर विमानों का परिचालन बंद होने की बढ़ी संभावना।

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दरभंगा एयरपोर्ट यूं तो देश में उड़ान योजना के तहत सबसे सफलतम एयरपोर्ट में शुमार हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दरभंगा एयरपोर्ट पर वर्तमान में किन-किन समस्याओं को अब तक दूर नहीं किया जा सका हैं। आइए जानते हैं इन समस्याओं के बारे में जिनका निदान करना तो दूर की बात, बार-बार तारीखें बढ़ाई जाती रही हैं। दरभंगा एयरपोर्ट पर हवाई सेवा चालू होने के बाद से ही लगातार चर्चाओं में बना हैं, चाहें इसका कारण जो भी हों। इन कारणों में एयरपोर्ट पर फ्लाइटों की कमी से लेकर या फिर यात्री सुविधा का बुनियादी अभाव सब शामिल हैं।

हवाई सेवा चरमराने का बढ़ा डर

मिथिलांचल या फिर यूं कहें कि उत्तर बिहार का इकलौता एयरपोर्ट होने के बावजूद भी दरभंगा एयरपोर्ट का विकास और विस्तार नहीं हो रहा हैं। जबकि बिहार के अन्य एयरपोर्ट पर ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध हैं। आगे बताते चलें कि ठंड धीरे-धीरे अपना पांव पसार रही हैं, कोहरे और कुहासे का डर फिर सताने लगा हैं। और फिर यह संभावना भी बढ़ चली हैं कि दरभंगा एयरपोर्ट से हवाई सेवा ना चरमरा जाए। कारण साफ हैं कि दरभंगा एयरपोर्ट के रनवे पर अभी तक नाइट लैंडिंग के समुचित व्यवस्था नहीं किया गया हैं।

लाइटिंग लगाने का काम पूरा नहीं

हालांकि लाइटिंग लगाने को लेकर एक वर्ष में चार तारीख को एयरपोर्ट प्रशासन बढ़ा चुका हैं। मालूम हो कि ठंड के मौसम में कोहरे-कुहासे लग जाते हैं। वहीं कुहासे की वजह से कम विजिबिलिटी में फ्लाइट की लैंडिंग में समस्या आना आम बात हैं, जो कि वर्तमान में समस्या जस की तस बरकरार हैं। दरभंगा एयरपोर्ट पर दूर-दराज से फ्लाइट लेने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ गई हैं। परेशानी बढ़ना लाजिमी हैं कि लोग दूर-दूर से फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट पहुंचते हैं। लेकिन ऐन वक्त पर पता चलता हैं कि फ्लाइट कैंसिल हो गई हैं।

यात्रियों को समस्या

फ्लाइट कैंसिल होने के बाद यात्रियों को 440 वोल्ट का झटका महसूस होता हैं। मानो काटो तो खून नहीं, उनके सामने विकट समस्या खड़ी हो जाती हैं। उस समय वापस लौटने के विकल्प के सिवा और कोई रास्ता नहीं सूझता, वहीं दूसरी ओर होटलों में रूककर शरण लेनी पड़ जाती हैं। दूसरा अगर इमरजेंसी फ्लाइट लेना हैं तो फिर पटना का रूख करना पड़ता हैं, ये उनके लिए बड़ी समस्या हो जाती हैं। बता दें कि कुहासे में केवल रात ही नहीं बल्कि दिन के समय भी ठीक से नहीं दिख पाता हैं। ऐसे में फ्लाइट के लैंडिंग में समस्या आना लाजिमी हैं। एयरपोर्ट के रनवे पर कम दृश्यता में फ्लाइटों का उड़ान प्रभावित हो जाता हैं। लाइटिंग लगाने की तिथि को चार बार बढ़ाया गया, लेकिन इसके बावजूद काम पूरा नहीं हो पाया हैं।

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