दरभंगा एयरपोर्ट आजकल जिस वजह से चर्चा में हैं, वो हैं विमान किराए में बेहताशा वृद्धि। दरअसल त्योहार का मौसम चल रहा हैं, दुर्गापूजा खत्म होते ही दीपावली और छठ पूजा का दौर शुरू हो गया हैं। त्योहार में घर लौटने के लिए लोग एड़ी-चोट का जोर लगाने लगे हैं। परंतु दरभंगा एयरपोर्ट से हवाई मार्ग द्वारा घर लौटने की कोशिश कर रहे यात्रियों को फ्लाइट टिकटों के दाम ने निराश कर दिया हैं।
आम आदमी का सपना चकनाचूर

दीपावली और छठ पर्व के नजदीक की तिथि में फ्लाइट टिकटों के दाम आसमान छू रहे हैं। इतने मंहगे हवाई किरायों ने लोगों के आने के सपनों को चकनाचूर कर दिया हैं। इससे पहले भी हमने दरभंगा एयरपोर्ट से मनमाने किराए पर अंकुश लगाने को लेकर खबर आपके सामने लेकर आए थे। जिसके बाद दरभंगा एयरपोर्ट से हवाई किराए को लेकर सियासत गरमा गई हैं। इसको लेकर राजनीति होने लगी हैं, भिन्न-भिन्न नेताओं इसपर अपनी रोटी सेंकने लगे हैं। उड़ान योजना के तहत आम आदमी का हवाई उड़ान का सपना धराशाई हो गया हैं, इतना ही खास लोग भी किराए को लेकर हवाई यात्रा करने से कतराने लगे हैं।
शुरुआत में लोगों ने लिया हाथों-हाथ

दरभंगा एयरपोर्ट से हवाई सेवा चालू हुए दो साल होने को हैं। शुरुआत में तीन शहरों के लिए शुरू हुई हवाई सेवा को यात्रियों को बेहतर रिस्पांस मिला, जिससे उत्साहित होकर विमानन कंपनियों ने अलग-अलग रूटों पर भी उड़ान सेवा शुरू की। एयरपोर्ट पर यात्री सुविधाओं के अभाव के बावजूद लोगों ने हवाई यात्रा के लिए दरभंगा एयरपोर्ट को आड़े हाथों लिया।
किराया हो अविलंब कम

लेकिन ज्यों-ज्यों दरभंगा एयरपोर्ट अधिक यात्रियों के हवाई सफर को लेकर सफल होने लगा था, वैसे ही बढ़ते टिकटों के दाम को लेकर धराशाई हो गया। हालांकि अभी भी वक्त हैं विमानन कंपनियों को चेतावनी देकर किराए कम करने की, जिससे दरभंगा एयरपोर्ट की साख को पहले की कायम रखा जा सके।
किराए को लेकर राजनीति

हमारी खबर का असर हैं कि आज भिन्न-भिन्न समाचार पत्र या सोशल साइट्स के माध्यमों से दरभंगा एयरपोर्ट से बढ़ते किरायों का मामला उठाया जाने लगा हैं। यहां तक कि बड़े-बड़े जनप्रतिनिधियों द्वारा भी इसपर राजनीति शुरू हो गई हैं। अब देखना ये हैं कि केवल राजनीति के लिए या फिर दरभंगा एयरपोर्ट की साख और विश्वसनीयता को फिर से बहाल करने के लिए इस दिशा में इनके द्वारा क्या कदम उठाए जायेंगे।