दरभंगा में पति-पत्नी के साथ जीने-मरने की वादे हुई चरितार्थ, एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार।

Darbhanga

प्यार में जीने-मरने और जनम-जनम का साथ निभाने का वादा तो सभी करते हैं। पर शायद ही यह आखिरी समय तक लोग निभा पाते हैं। लेकिन दरभंगा से एक पति-पत्नी का अटूट प्रेम, जो मरने के बाद भी एक-दूसरे से जुदा नहीं हुआ, बल्कि एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार हुआ। जी हां, फिल्मों में अक्सर देखें जाने वाला वाकया असल जिंदगी में देख लोग दंग रह गए। दरभंगा के तारडीह प्रखंड के कुर्सो मछैता पंचायत के मछैता पचही टोले के रहने वाले 63 वर्षीय सुधीर झा बीमार थे, जिनको बेहतर इलाज के लिए पटना लाया गया था।

इलाज के दौरान पटना में उनका निधन हो गया। जिसके बाद पटना से शव लेकर उनकी पत्नी और छोटा बेटा गांव आए। जिसके बाद शाम में बड़ा बेटा मुंबई से गांव पहुंचा। बड़े बेटे के आने के बाद सुधीर झा की पत्नी भी चल बसी, इससे परिवार भर में कोहराम मच गया। अगले दिन दोनों पति-पत्नी की अलग-अलग अर्थी सजाकर घर से अलग-अलग निकाली गई, पर दोनों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया गया। पति-पत्नी की अर्थी एक साथ उठे देख सभी रो पड़े, उनके प्रेम की मिसाल दी जाने लगी हैं।

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