शुक्रवार को जिउतिया पावन के नखाय-खाय के साथ ही आज से महिलाओं का निर्जला उपवास शुरू हो गया हैं। बता दें कि जिउतिया पावन महिलाएं पुत्र की दीर्घायु जीवन की मंगल कामना के लिए करती हैं। यह पावन शुक्रवार से ही विधिवत शुरू हो गया हैं। जहां पहले महिलाओं ने नहाय-खाय के दिन सुबह पहले पवित्र जल से स्नान किया, उसके बाद वर्ती ने पित्तरों को तेल और खल्ली अर्पित कर भगवान सूर्य को जल चढ़ाया।

वहीं शुक्रवार की आधी रात के बाद शनिवार की सुबह चार से साढ़े चार बजे के बीच व्रती महिलाओं ने रिवाज की मुताबिक ओठंगन की तैयारी पहले से कर रखी थी। ओठंगन में व्रती महिलाओं के अलावा अन्य महिला एवं बेटियां चूड़ा-दही से मूंह जूठाती हैं, इससे पुत्र और भाई की उम्र लंबी होती हैं। माना जाता हैं कि इससे वह हर मुसीबत और विपदा से सुरक्षित रहता हैं।

इसके साथ ही व्रती महिलाओं का निर्जला उपवास शनिवार को दिन-रात रखने के बाद अगले दिन रविवार को भी उपवास में रहेगी। इसके बाद खीरा-अंकुरी तथा अन्य प्रसाद चिल्हो-सियारो को अर्पित करेगी। वहीं कथा भी सुनेगी। रविवार की शाम 04.49 के बाद ही महिला व्रती पारण करेंगी।
