राजस्थान में एमए पास लड़की ने अनोखी शादी की हैं। बताते चलें कि राजस्थान के जयपुर के नजदीक गोविंदगढ़ क्षेत्र के गांव नरसिंहपुरा में ये शादी रचाई गई। 30 वर्षीय पूजा ने राजनीतिक विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की हैं। पूजा के मुताबिक अपने ननिहाल में तुलसी विवाह देखा था। उसी दौरान उसने यह निर्णय ले लिया कि वह भगवान श्रीकृष्ण के रूप में ठाकुरजी से विवाह करेगी। वह पूर्व से ही भगवान कृष्ण के प्रति समर्पित थी।

भगवान श्रीकृष्ण से विवाह को लेकर अपने परिवार के पंडित से जानकारी ली, तो उन्होंने इस विवाह को लेकर स्वीकृति प्रदान कर दी। जिसके बाद पूजा ने अपने माता-पिता को मनाने की कोशिश की। पिता इस विवाह का नाम सुनते ही गुस्सा हो गये लेकिन मां मान गई। पूजा सिंह की ठाकुरजी से शादी से निर्णय को पिता राजी नहीं हुए। परंतु मां के राजी होने के बाद 08 दिसंबर को मां ने ही शादी की सभी रस्मों को पूरा करते हुए विवाह संपन्न कराई थी।

इस शादी में सभी रस्में मेंहदी से लेकर वरमाला, कन्यादान और विदाई की सभी रस्मों को निभाया गया। पूजा दुल्हन के जोड़े में सजी, शादी में पिता के ना शामिल होने पर उनकी जगह तलवार रखा। पूजा के अनुसार राजपूत समाज में तलवार को प्रतिनिधि के तौर पर रखें जाने की परंपरा हैं। कृष्ण भक्ति में लीन पूजा सिंह ने मंत्रोच्चारणों और मंगल गीत के बीच ठाकुरजी के साथ सात फेरे लिए और चंदन से अपनी मांग भरी। इस अनोखी शादी के गवाह 300 बाराती बनें।

पूजा सिंह की ठाकुरजी से शादी को लेकर कई लोगों ने मजाक उड़ाया तो कई ने सराहना की। लेकिन इस सबसे पूजा को कोई फर्क नहीं पड़ता हैं। वह अपने निर्णय से बेहद खुश हैं और अब ठाकुरजी ही उसके पति हैं। शादी के बाद पूजा बहुत खुश हैं। पूजा अपने कमरे में छोटा सा मंदिर बनाकर ठाकुरजी की प्रतिमा की पुजा और सेवा करती हैं। वहीं अपने हाथ से भोग बनाकर प्रतिदिन खिलाती हैं। यही नहीं उनके लिए पोशाक भी बनाती रहती हैं।

पूजा का ठाकुरजी से शादी करने के निर्णय के पीछे बचपन में परिवार में एक दंपति के बीच क्लेश देखना हैं। छोटी-छोटी बात पर पति-पत्नी आपस में लड़ते थे। अक्सर झगड़ों की वजह से जिंदगी नरकीय हो जाती थी। इसमें महिलाओं को काफी कष्टदायक स्थिति का सामना करना पड़ता था। जिसे देखकर पूजा ने तय कर लिया कि वह कभी भी किसी युवक से शादी नहीं करेंगी। और पूजा सिंह अब ठाकुरजी के साथ शादी करने के बाद काफी खुश हैं।
